Monday 3 August 2015



बहुत तलाशी हमने वजह, तेरे बाद खुश रहने की,
फिर भी न लौट कर आयी, मुस्कराहट मेरे लबों पर...


वो एक रात जला तो उसे. . . .. . .. . . . दीपक कह दिया
हम बरसो से जल रहे हैं. . . . . . . . .हमें भी कोई तो खिताब दो